Dear
Friends,
अभी तक हमने अपने Parents, Teachers और अन्य लोगो को कहते सुना हैं, कि तुम हमेशा इधर उधर करके अपना समय बर्बाद करते रहते हो, पढाई नहीं करते, जाओ पढाई करो पर हमें कोई यह नहीं बताता की आखिर हम पढ़े तो कैसे पढ़ें, क्या पढाई करने का भी कोई फार्मूला हैं । आज हम इस पोस्ट में आपके साथ बात करेंगे कि पढ़े तो कैसे पढ़े :
अभी तक हमने अपने Parents, Teachers और अन्य लोगो को कहते सुना हैं, कि तुम हमेशा इधर उधर करके अपना समय बर्बाद करते रहते हो, पढाई नहीं करते, जाओ पढाई करो पर हमें कोई यह नहीं बताता की आखिर हम पढ़े तो कैसे पढ़ें, क्या पढाई करने का भी कोई फार्मूला हैं । आज हम इस पोस्ट में आपके साथ बात करेंगे कि पढ़े तो कैसे पढ़े :
1.Desire
for learning (सीखने की इच्छा): किसी कार्य को करने के लिए सबसे
जरुरी चीज जो होती हैं, वो हो हैं उसे करने में आपका Interest कितना हैं ? आपकी इच्छा यानि की Desire कितनी हैं और
आप उसे करने को कितना तत्पर हैं । हमारी पढाई या सीखने की पद्धति पर भी यह बात
लागू होती हैं, यह इच्छाशक्ति ही होती हैं जो हमें घंटो पढाई
करने के लिए बैठने में हमारी सहायता करती हैं ।
Napoleon
Hill ने लिखा हैं – “इन्सान का दिमाग जिन चीजो को सोच सकता हैं, या जिन चीजो पर यकीन कर सकता हैं, उन्हें वह हासिल
भी कर सकता हैं” ।
गहरी इच्छाशक्ति हर उपलब्धि की शुरूआती बिंदु होती हैं, जिस तरह आग की छोटी
लपटे अधिक गर्मी नहीं दे सकती, वैसे ही कमजोर इच्छा बड़े नतीजे (Results) नहीं दे सकते ।
कुछ Students में यह Quality जन्म से ही होती हैं, और अन्य Students इसे Practice के द्वारा हासिल कर सकते हैं । अग्रेजी की एक कहावत हैं :-
कुछ Students में यह Quality जन्म से ही होती हैं, और अन्य Students इसे Practice के द्वारा हासिल कर सकते हैं । अग्रेजी की एक कहावत हैं :-
“Practice Makes A Man Perfect”
अर्थात अभ्यास एक
आदमी को परिपूर्ण बनाता हैं |
अभ्यास (Practice) के बारें में हिंदी में एक प्रसिद्ध कहावत हैं-
“करत-करत
अभ्यास जड़मत होत सुजान,
रसरी आवत जात सिल पर पर त निसान”
रसरी आवत जात सिल पर पर त निसान”
अर्थात
अभ्यास के द्वारा कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं,So Friends आपको अपनी पढाई शुरू
करने से पहले अपने अन्दर पढ़ने की Desire (इच्छा)
पैदा करनी चाहिए, उसमे अपना interest पैदा
करना चाहिए ।
2. Purpose
of reading – (पढ़ने का उद्देश्य) : जब आप पढ़ने बैठते हैं तो आपके Mind में यह बात
बिलकुल Clear होनी चाहिए कि आप यह क्यों पढ़ रहे हैं ? आप पढ़
क्या रहे हैं ? किस लिए पढ़ रहे हैं ? इसे पढ़ने से आपको क्या फायदा होने वाला हैं ?
और आपका यह पढ़ने के पीछे Purpose क्या हैं ?
हम जितनी भी चीजो को पढ़ते हैं, हमारे पढ़ने का उद्देश्य अलग-अलग होता हैं, पढाई करने से पहले यह आवश्यक ही नहीं
बल्कि अनिवार्य भी हैं कि जब भी आप कुछ पढ़ने बैठे , तो पहले
उसका उद्देश्य निश्चित कर लें कि आप इसे क्यों पढ़ रहें हैं ।
जैसे ही आप जाने-अनजाने में अपने उद्देश्य का फैसला कर लेते हैं, आपका Mind उसी तरह काम करने लगता हैं । इसलिए आपको अपने उद्देश्यों को बहुत स्पष्ट
रूप से निर्धारित करना चाहिए जिससे आपका Mind उसी के अनुकूल
काम करें और तभी आपका पढना भी सार्थक हो पायेगा । अगर
आप Effective reading करना चाहते हैं, तो
अपने दिल और दिमाग से ये निकाल दीजिये की कोई Subject या Topic
कठिन हैं, किसी भी प्रकार का Negative विचार अपने दिमाग में मत लाइए, हमेशा Positive
विचार ही अपने दिमाग में लाइए, इससे आपके पढने
की कार्यक्षमता बढेंगी ।
3. Concentration –
(एकाग्रता) : जब आप पढ़ने बैठते हैं तो आपको सबसे
पहले अपने Mind से उन सभी Thought निकाल देना चाहिए, जो आपकी पढाई में बाधा उत्पन्न करने लायक हो । यदि आप पढ़ते समय कल शाम को
आपने जो मूवी देखी थी उसके बारे में सोच रहे हैं, तो आप सही से पढ़ नहीं पाएंगे । इसी प्रकार जब आप पढ़ते समय बीच-बीच में मोबाइल फ़ोन का उपयोग करते रहते हैं, Whatsapp पर या
सोशल साइट्स पर अपने Friends से बातें करते रहते हैं,
तो भी आप सही पढ़ नहीं पाएंगे । आप जब पढाई करने बैठे तो आपको
सिर्फ और सिर्फ अपनी पढाई पर ध्यान देना चाहिए किसी भी अन्य बातो पर नहीं,
आपके दिमाग में कोई ऐसा Idea नहीं आना
चाहिए जो आपकी पढाई में Disturbance Create करें ।
आपको अपने पढाई करने के लिए ऐसे Place को Choose करना चाहिए, जहाँ पर Disturbance कम से कम हो । यदि Possible हो तो अपने Mobile
Phone को Switch Off कर दें या
उसे Silent Mode में रखे ।
इसी प्रकार आप एक समय में एक ही Subject पर ध्यान
देकर पढाई करेगे तो भी आप सही से Concentrate कर
पाएंगे । पढाई करते समय, समय-समय बार Break लेते रहना भी आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा, इससे आपके Mind
को Refresh होने का मौका मिल जायेगा और जब आप
फिर से Study करने बैठेगे तो तो ज्यादा Concentration के साथ Effective Study कर पाएंगे
4.Memorizing (याद करना): वैज्ञानिक खोंजो से यह सिद्ध हो
चुका हैं, कि हम जो कुछ भी पढ़ते हैं, सुनते हैं, उन्हें हमारा Mind Image फॉर्म में ग्रहण करता हैं ।
यदि हमारा दिमाग ऐसा नहीं कर पा रहा हैं, तो उसका कारण यह
हैं कि वह उस सुनी हुई ध्वनि (Sound) या देखे हुए अक्षर (Letter) का चित्र (Image)
को हमने कभी देखा ही नहीं हैं या कभी सोचा भी नहीं हैं तभी हमरा दिमाग उसका चित्र बनाने में सक्षम नहीं हैं ।
For Example: आप जैसे ही गाय की Sound
सुनते हैं या कही पर ‘गाय’ लिखा हुआ पढ़ते हैं, वैसे
ही आपके Mind में गाय का Image उभर आता
हैं और Mind इसे तुरंत समझ लेता हैं । यही पर जब आपसे कोई “लोरेक्स” कहता हैं, या
आप कही पढ़ते या सुनते हैं तो आप उसे समझ नहीं पाते हैं
। आप इसे इसलिए नहीं समझ पा रहें हैं, क्युकी इस Word
को सुनने या पढने से आपके Mind में कोई Image
Create नहीं हो पा रही हैं, जबकि यही पर कोई Spanish भाषा का जानकर यह Word सुनेगा या पढ़ेगा तो वह तुरंत
समझ जायेगा कि “लोरेक्स” Word
का मतलब गाय हैं, क्युकी उसके Mind ने गाय का Image बना लिया हैं ।
So Friends आप आज से अपनी पढाई में Images
को शामिल करिए, डाईग्राम्स बनाइये, किसी Words या Sentence के लिए
किसी Image को Mind में रखिये, जिससे आप उसे जरुरत पड़ने पर तुरंत याद कर पाएंगे । यह आपकी पढाई में बड़ा उपयोगी होगा ।
याद करना हमारी Study का Important Part होता हैं, मेरे कहने का मतलब कत्तई नहीं हैं कि आप
इसे रटना समझे, किसी भी टॉपिक या Subject को रटने का मतलब हैं कि हम अपनी Creativity को ख़त्म
करना चाह रहे हैं, इसलिए रटने से हमेशा बचना चाहिए और चीजो
को Images से जोड़ कर एक दुसरे के साथ Interconnect करके पढ़ने पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।
5. Making and Asking
Good Questions (अच्छे प्रश्न बनाना और उन्हें पूछना): डॉ.ए०पी०जे०
अब्दुल कलाम जी ने कहा हैं :
“One of the very important
characteristics of a student is to question. Let the students ask questions”
“विद्यार्थियों
की सबसे ज़रूरी विशेषताओं में से एक है प्रश्न पूछना, विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने दीजिये”
एक अच्छे Student आदत में
अच्छे प्रश्न बनाना और पूछना शामिल होना चाहिए । जब आप एक टॉपिक पढ़ते हैं, तो आपको उस टॉपिक से अच्छे Question खुद से बनाना
चाहिए और उसके Answer ढूंढने का प्रयास करना चाहिए, आप चाहे तो इसमें अपने Friends व Teachers की भी Help ले सकते हैं ।
6. Learning from Practical work
(प्रयोगों द्वारा सीखना): किताबे पढाई का मुख्य स्रोत (Main Source) होती हैं ।
लेकिन जब आप किसी टॉपिक पर प्रयोग(Practical) करके पढ़ते हैं,
तो वो हमारे दिमाग में बहुत अच्छी तरह से संग्रहित (Collect) हो
जाती हैं और उसकी Image भी हमारे Mind में
Create हो जाती हैं । जिससे हमें वो टॉपिक बहुत ही अच्छी तरह
से समझ में भी आता हैं, खास कर Science में Practical का बहुत Important Role होता हैं । Science की Books में आप बहुत से Scientific Devices बारें में पढ़ते हैं और समझते हैं की वह
कैसे Work कर रहा हैं । लेकिन जब
आप इसे Lab में जाकर Practically करते
हैं तो आप उसी चीज को बहुत ही अच्छे (Perfection) से साथ सीख पाते हैं । So आज
से चीजो को Practically करके पढ़ने की Practice करें ।
7. Learning
from discussions (चर्चा से सीखना): Discussion भी आपकी
पढाई करने/सीखने का एक प्रभावशाली (Effective) तरीका हैं
। जब आप पढने के बाद उसी टॉपिक को अपने Friends या Classmates
के साथ चर्चा करते हैं, तो आप और भी अच्छे
तरीके से सीखते हैं या कहें की आप उसी पढ़े हुए को एक बार और दुहराते हैं, जिससे आपके पढते समय आपके Mind में उसी टॉपिक से
सम्बंधित जो Images बनी हैं वो और भी गहरी हो जाती हैं
। Discussion के दौरान जब आप एक दूसरे से अपने Ideas Exchange करते हैं, तो आपको अपनी कमजोरियों (Weaknesses) के बारें में भी चलता हैं, जिससे आप अपने आपको को Improve भी कर सकते हैं ।
Discussion में एक ही टॉपिक या Subject के
अलग-अलग Questions उठते हैं, जो हमारे
Concept को ज्यादा Clear करते हैं और उस टॉपिक या Subject
पर हमारी और अच्छी Command बनती हैं ।
8. Revision
is Important (दोहराना भी जरुरी) : जब हम किसी Subject या Topic
को पहली बार पढ़ते हैं, तो वह हमारे Mind
में एक सूचना (Information)के रूप में आता हैं । हर तरह की जानकारी शरू में सूचना के रूप में
ही हमारे Mind में Collect होती हैं,
फिर चाहे वह आपको पढने से प्राप्त हो, सुनने
से प्राप्त हो या करने से प्राप्त हो । हम पढ़ते जाते हैं और Mind में Information का ढेर लगता जाता हैं । इसे ही हम
पढना समझ लेते हैं । आपने भी अनुभव किया होगा की पढने के कुछ ही दिनो बाद जो आपने
पढ़ा हैं उसमे हम कुछ न कुछ भूलने लगते हैं ।
आइये पहले जानते हैं, कि हम पढने के बाद
कब और कितने प्रतिशत भूलते हैं :- मनोवैज्ञानिक, एविंग हास ने इस पर रिसर्च करके निम्न आंकड़े निकाले थे ।
·
20 मिनट बाद 47 प्रतिशत
·
1 घंटे के बाद 53 प्रतिशत
·
1 दिन के बाद 66 प्रतिशत
·
7 दिन के बाद 75 प्रतिशत
·
1 महीने के बाद 79 प्रतिशत
और एक वर्ष बाद शायद 90 प्रतिशत या कहे उसकी हमें थोड़ी बहुत स्मृति ही रह
जाती हैं । यहाँ ध्यान देने की बात यह हैं कि यह सिर्फ सूचना (Information) के साथ होता हैं न
की ज्ञान (Knowledge) के साथ यदि आप सूचना को
ज्ञान में परिवर्तित कर देते हैं, तो यह भूलने का प्रतिशत बहुत ही कम हो जाता हैं ।
यहाँ पर हमें यह भी जानना चाहिए कि, ज्ञान और सूचना में अंतर क्या होता
हैं :-
“सूचना रेत पर बने उस चित्र के समान
होती हैं, जो हवा चलने पर धीरे-धीरे धुंधली होने लगती हैं और
तेज हवा में वह जल्दी से मिट जाती हैं । और ज्ञान चट्टान पर खुदे उस चित्र के समान हैं होता हैं, जिन्हें मिटने में
सदियाँ लग जाती हैं ।”
अब प्रश्न उठता हैं, कि सूचना को ज्ञान में परिवर्तित
कैसे किया जाये, तो इसका सीधा सा उत्तर हैं कि Revision,
हम Revision से Information को Knowledge में परिवर्तित कर सकते हैं ।
मनोवैज्ञानिक एविंगमें अपनी Research के आधार पर किसी भी पढ़ें,
याद किये या समझे हुए विषय या टॉपिक दोहराने के लिए निम्न समयावधि
बताई हैं :-
·
एक ही दिन में एक ही टॉपिक को कम से कम चार बार पढ़ें
।
·
अगली सुबह उसे फिर से पढ़ें और ध्यान से पढे, पढने की
स्पीड थोड़ी तेज कर सकते हैं ।
·
24 घंटे बाद उसे फिर से दोहराए ।
·
एक महीने बाद इसी टॉपिक को फिर से दोहराएँ और ध्यान से दोहराएँ ।
ऐसा करने के पश्चात आप पाएंगे कि वह सूचना आपके Mind में Knowledge
के रूप में Convert हो चुकी हैं । एक बात और
आप इसके बाद भी समय-समय पर इसे दोहराते रहेगे तो यह ज्ञान आपके दिमाग में और अच्छे
से Store रहेगा ।
9. Role of
Entertainments in Study (पढाई में मनोरंजन का रोल): हमारा दिमाग एक स्पंज की
तरह होता हैं, जिसमे पहले किसी चीज को सोखने की क्षमता
अधिक होती हैं । लेकिन धीरे-धीरे सोखने की क्षमता घट जाती हैं या कहे तो कुछ भी
सोखने की अवस्था में नहीं होता हैं । जब वह सोखना (Absorb)
बंद कर देता हैं, तो हम उसे फिर से सोखने के लायक कैसे बनाये
Simple सी बात की उसे निचोड़ दें । हमारा दिमाग भी इसी तरह
काम करता हैं, लगातार पढाई करने दिमाग के स्पंज में भी और
अधिक सोखने करने की क्षमता नहीं रह जाती
है । तब उसे भी निचोड़ने की आवश्यकता पड़ती हैं । ताकि
हमारा Mind पुनः उसी Concentration के
साथ कार्य करें । और हमारे दिमाग के स्पंज को निचोड़ने में Entertainment हमारी सहायता करता हैं, जिससे हमारे दिमाग को गैप
मिल जाता हैं और वह फिर से Concentrate हो जाता हैं ।
अगर धार्मिक दृष्टि से देखें तो आप पाएंगे “सरस्वती” जिन्हें विद्या की देवी माना जाता हैं, उनके एक हाथ
में तो पुस्तक हैं, लेकिन दूसरे हाथ में वीणा हैं पेन नहीं,
तो इससे भी स्पष्ट होता हैं कि आपकी पढाई में मनोरंजन का स्थान भी
होना चाहिए ।
So Friends आज से पढाई के साथ-साथ स्वस्थ मनोरंजन को भी अपनी
दिनचर्या में स्थान दे, यह आपके Mind को
Refresh करने में आपकी सहायता करेंगा । मैं यहाँ पर एक बात
जोर देकर कहना चाहूँगा, कि अपनी दिनचर्या में समय का ध्यान
रखते स्वस्थ मनोरंजन को ही स्थान दे ।
10. And at Last(और अंत में) : Friends अंत
में मैं आप सब से यही कहना चाहूँगा, कि आप अपने आप में यकीन
रखिये, अपना Confidence बनाये रखिये और
पूरी ईमानदारी के साथ अपनी पढाई करिए, क्युकी यह आपको किसी को Proof नहीं करना हैं की आप पढ रहे हैं यह सिर्फ आप अपने लिए कर रहे हैं तो खुद से ईमानदारी दिखाइए, लोग
सिर्फ आपको गाइड कर सकते हैं, मोटीवेट कर सकते हैं, चीजो के बारें में आपको सही-सही बता सकते हैं इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कर
सकते, लेकिन अंत में Exam आपको ही देना पड़ेगा इसीलिए पढाई भी आपको ही करनी पड़ेगी ।
So
Friends आज से जुट जाइये या कहें अभी से जुट जाइये आपने एक नए
संकल्प के साथ और दृढ इच्छा के साथ ।
All the Best.
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आपका समय शुभ हो,
पढ़ते रहे, बढ़ते रहें ।